Friday 4 December 2015

आतंकबाद से मिलकर निपटना होगा : मोदी


आसियान देशों के साथ समुद्री सुरक्षा व आपदा राहत के क्षेत्र में सहयोग के लिए विशेष योजना बनाने का दिया सुझाव

कुआलालंपुर – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख वैश्विक चुनौती आतंकवाद से निपटने के लिए 
आसियान देशो के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है | शनिवार को उन्होंने दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रीय और समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की जरूरत को भी रेखांकित 
किया है | उन्होंने दस सदस्यीय समूह के साथ समुद्री सुरक्षा , समुद्री डकैती निरोधक एवं मान
वीय और प्राकतिक आपदा राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए विशेष योजना बनाने 
का सुझाव दिया | आसियान –भारत सम्मेलन की अपनी शुरुआती टिपण्णी में प्रधानमन्त्री मोदी
ने कहा, आतंक एक प्रमुख वैश्विक चुनौती के रूप में उभरा है जो हम सबको प्रभावित कर रहा 
है | आसियान सदस्यों के साथ हमारा बेहतरीन दिपक्षीय सहयोग है | और हमे यह देखना चाहिये 
की अन्तराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को समर्थन करते हुए हम किस प्रकार क्षेत्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर हम अपने सहयोग को बढ़ा सकते है | तीन दिन की आसियान-भारत और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने आए मोदी ने कहा , तेजी से बदलता हमारा क्षेत्र अनिश्चितता के समय से निकलकर एक शांतिपूर्ण और खुशहाल भबिष्य की ओर जा रहा है | क्षेत्रीय आर्किटेक्चर को परिभाषित करने में आसियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा | उन्होंने कहा की भारत –म्यामांर 
थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना में अच्छी तरक्की हो रही है | और इसे २०१८ में पूर्ण हो जाना चाहिये | सभी आसियान देशो के लिए भारत जल्द ही इलेक्ट्रोनिक वीजा जारी करेगा |भारत –
आसियान सहयोग और आर्थिक साझेदारी के लिए विज्ञान , तकनीक और आविष्कारो को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा , हम आसियान –भारत विज्ञान एवं तकनीक विकास फंड को मौजूदा दस लाख डॉलर से बढ़ा कर ५० लाख डॉलर करेंगे|       

आसियान के सदस्य देश
आसियान समूह में ब्रुनेई कम्बोडिया इंडोनेशिया ,लाओस , मलेशिया , म्यांमार , फिलीपींस , सिंगापुर ,थाईलैंड और वियतनाम शामिल है |


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