नई दिल्ली_ जन-धन योजना के तहत विभिन्न
बैंकों में खाता खुलवाने वाले करोड़ों खाता धारकों को बड़ी राहत मिलेगी , क्यूंकि
इसमे ट्रांसजेक्शन के नियमो को थोडा शिथिल कर दिया गया है | पूर्व में इस योजना के
तहत खुले खाते में रकम जमा करने या उससे निकासी को ही ट्रांसजेक्शन माना जाता था
लेकिन अब ग्राहक द्वारा एटीएम कार्ड से बैलेंस चेक करने की प्रक्रिया को भी
ट्रांसजेक्शन मान लिया गया है | उल्लेखनीय है कि पिछले बर्ष तय अवधि में
ट्रांसजेक्शन नही करने की वजह से बड़ी संख्या में बीमा के दावे ख़ारिज हो रहे है |
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जन धन खाते से जुड़े नियमो में
कुछ ढील दी गई है | ताकि अधिक से अधिक खाता धारको को बीमा की सुबिधा मिल सके | अब
न सिर्फ ट्रांसजेक्शन की शर्त के तहत अवधि को ४५ दिन से बढा कर ९० दिन कर दिया गया
है | बल्कि ट्रांसजेक्शन की शर्त को भी ढीला कर दिया गया है | अब खाताधारको को ९०
दिन में रकम जमा करने या उसकी निकासी करने या सिर्फ किसी एटीएम में जाकर बैलेंस
चेक करने को भी ट्रांसजेक्शन का दर्जा दे दिया गया है | गौरतलब है कि
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित की गई
प्रधानमन्त्री जन-धन योजना के तहत खोले गये खाते में सबसे बड़ा आकर्षण मुफ्त बीमा
(एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और ३० हजार रुपये का जीवन बीमा) कवरेज है | इसके
अलावा भी खाते में कुछ विशेषताये है , जैसे- जीरो बैलेंस की सुबिधा , नि:शुल्क
एटीएम कार्ड , ओवरड्राफ्ट की सुविधा आदि |
इसके अलावा जिन खातों में पैसा जमा कर एक्टिवेट किया जा चुका है , उसमे भी
निरंतर ट्रांसजेक्शन नही होने की वजह से
बीमा क्लेम रिजेक्ट हो जाता है |
No comments:
Post a Comment