Wednesday 23 December 2015

सरकार का एक ही धर्म , इंडिया फर्स्ट मोदी



प्रधानमन्त्री बोले , संविधान बदलने के बारे में कोई सोच भी नही सकता


नई दिल्ली- संविधान को लोकतंत्र के लिए सर्वोपरि करार देते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा 
है कि देश संविधान से ही चलेगा |कोई संविधान बदलने के बारे में सोच भी नही सकता है | असहिष्णुता को लेकर देश में जारी तीखी बहस और सरकार पर लग रहे आरोपों के बीच पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार का एक  ही धर्म होता है | इंडिया फर्स्ट और एक ही धर्म ग्रन्थ होता है भारत का संविधान | दलगत भावना से ऊपर उठकर पीएम ने देश बनाने में सभी नेताओ के योगदान को गिनाते हुए कहा कि ये देश कईयो की तपस्या से आगे बढ़ा है | सब सरकारों के योगदान से आगे बढ़ा है लोकतंत्र में शिकायत का हक सबका होता है | संविधान के अन्दर भी सबकी भूमिका रही है | लोकसभा में संबिधान दिवस पर चर्चा के अंतिम दिन समापन भाषण में देश के लिए बाबा साहब अम्बेडकर के योगदान की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा की इतने उत्तम संविधान की जितनी सराहना करे उतना कम है | पीएम मोदी ने कहा कि अम्बेडकर की विशेषता रही है | कि उनके विचार हर कालखंड ,हर पीढ़ी, हर तबके के लिए है | उन्होंने कहा कि यदि संविधान बनाने में बाबा साहिब शामिल न होते , तो यह शायद सामाजिक दस्तावेज बनने से चूक जाता | बचाव हो या प्रहार हो , बाबा साहव रास्ता दिखाते है | उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कितनी भी यातनायें झेली , अपमानित हुए , उपेक्षित हुए ,लेकिन उनके हाथ में जब देश के भविष्य का दस्तावेज बनाने का अवसर आया , तो संविधान में कही पर बदले का भाव नही दिखा | लोकतंत्र में सहमति के रास्ते से ज्यादा ताकत होती है | 

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