लखनऊ- सीबीआई अब आयकर विभाग से भी उस ब्यौरे को
हासिल कर रही है | जो उसने
यादव सिंह के खिलाफ जाँच व छापामारी के दौरान जुटाया था
| खास ध्यान उस बरामदगी
पर है जो यादव
सिंह व उनके नजदीकियों के ठिकानो से हुई | साथ ही यह पता करने की
कोशिश है कि जो करोड़ो की रकम बरामद हुई , वह किस उद्देश्य से ली गयी थी और किस
कम्पनी के
नाम से थी | सीबीआई इसके साथ ही यादव सिंह से जुडी कुछ और
कंपनियों
की पड़ताल में जुडी है | इन कंपनियों में राजनेताओं व नौकरशाहों की काली
कमाई के निवेश
कि सूचना है | यादव सिंह व उनके परिवार और करीबियों के नाम से
तकरीबन ४० कंपनिया
संचालित होने की जानकारी है | इनमे कुछ बोगस कंपनिया है तो कुछ
ऐसी है ,जो रसूखदारों
से जुडी है | सीबीआई ने इन कंपनियों का वर्गीकरण करना शुरू
कर दिया है | इनमे उन
कम्पनियों का अलग ब्यौरा तलाशा जा रहा है जो कोलकाता की कंपनियों से जुडी है |सीबीआई
के सूत्रों का कहना है इसके साथ ही यादव सिंह के कुछ ऐसे रिश्तेदारों की जानकारी
सामने आई
है जिनके यहाँ अभी छापेमारी नही की हुई है | सीबीआई जल्द ही कुछ और जगहों
पर छापामारी
करने की तैयारी में है | आरोपी अभियंता द्वारा नोएडा प्राधिकरण में
सालो तक की गई धांधली
से अर्जित कई सौ करोड़ की अकूत सम्पति के दस्तावेज हासिल हो
जाएं | इसके लिए सीबीआई
ने यादव सिंह के तमाम करीबियों के नम्बर सर्विलांस पर लिए
हुए है | कि नोएडा अथॉरिटी के
पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जाँच
जारी रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश
को सांसद महंत आदित्यनाथ ने स्वागत योग्य
बताया था |
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