Thursday 26 November 2015
Tuesday 24 November 2015
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
का प्रारम्भिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था | उनका जन्म १२ जनवरी १८६३ ई को कोलकाता
में एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में हुआ था | छात्र जीवन में वे पश्चिमी
विचारधारा के कट्टर समर्थक थे | भारतीय संस्कृति के अग्रदूत रामकृष्ण परमहंस के
सानिध्य में उनकी विचारधारा बदल गई , वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे की सत्य या ईश्वर
को जानने का सच्चा मार्ग अनुरागपूर्ण साधना का मार्ग ही है | अपनी भारत वापस आकर
उन्होने सम्पूर्ण देश के कोने-कोने में अपने विचारो के माध्यम से शिक्षित तथा
अशिक्षित गरीब तथा अमीर , ऊँच-नीच व सभी
वर्गो के लोगो को प्रभावित किया | १४ जुलाई , १९०२ ई. को स्वामी विवेकानंद का निधन
हो गया | विवेकानन्द
ने १८९७ ई. में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी | इसके माध्यम से उन्होने धार्मिक
एवं सामाजिक सुधार के आन्दोलन में महत्वपूर्ण योगदान किया |
रामकृष्ण मिशन के
कार्य
रामकृष्ण मिशन में
मानव जाति की सराहनीय सेवा की | देश व विदेश में भारतीय संस्कृति
का प्रचार किया |
शिक्षा के प्रचार-प्रचार में योगदान किया | मानवता की सेवा , विश्व को अध्यात्मवाद
का सन्देश तथा हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा करना इस मिशन का लक्ष्य है |
रामकृष्ण मिशन के
चार सिद्धांत
रामकृष्ण मिशन के
प्रमुख सिद्धांत निम्नाकित है |
(१)
ईश्वर अजर व अमर है
|
(२)
व्यक्ति चरित्रवान
बने |
(३)
वेदान्त व उपनिषद
सच्चे ग्रन्थ है |
(४)
आत्मा ईश्वर का रूप
है |
(५)
भारतीय संस्कृति
विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है |
इंदिरा गांधी
जीवन परिचय
इंदिरा गांधी भारत की प्रथम प्रधानमंत्री थी | वह पंडित जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरु की इकलौती संतान थी | १९ नवम्बर 1917 को इलाहाबाद में पैदा हुआ थी | सन् 1936 में उनकी माँ कमला नेहरू तपेदिक से एक लंबे संघर्ष के बाद अंततः
स्वर्गवासी हो गईं । पंडित मोतीलाल नेहरू उनके पितामह थे | इंदिरा के पितामह मोतीलाल नेहरू उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से एक धनी बैरिस्टर थे। उनके पिता मोतीलाल
नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक लोकप्रिय नेता रहे । और स्वरूप रानी उनकी पितामह थी | इसलिए उनके माता-पिता तथा दादा दादी उन्हें इन्द्रा प्रियदर्शिनी कह कर बुलाते थे | उन्होंने प्रमुख भारतीय, यूरोपीय तथा ब्रिटिश स्कूलों में अध्यन किया, जैसे शान्तिनिकेतन, बैडमिंटन स्कूल और ऑक्सफ़ोर्ड । इन्दिरा 1947 से पहले स्वतंत्र नही थी उसके पिता और दादा महान स्वतंत्रता सेनानी थे
वे अमीर थे और उन्होने साधारण जीवन का नेतृत्व किया वे बिदेशी कपडो को नहीं
पहनती थी और केवल खददर पहनती थी | आनंद भवन में वे एक राजकुमारी के समान
रहती थी किन्तु साबरमती मे वे जमीन पर सोई और साधारण भोजन खाया | किन्तु उनके अन्दर नेता के सभी गुण थे | वे अपना कार्य समय पर करती थी उन्होंने
संगीत ,चित्रकला व डांस भी सीखा और उसमे अच्छी रही | बाद में वे हाई शिक्षा के लिए इंग्लैंड चली गयी | कुछ समय बाद वे वहाँ से बापिस आई और स्वतंत्रता
संग्राम मे भाग लिया | वे जेल भी गई | वे वहां भी निष्क्रिय नहीं बैठी | उन्होंने और अन्य ब्यक्तियो के साथ सब्जियां और फूल भी उगाए | उन्होंने जेल मे अशिक्षित महिलाओ को पढ़ाया | उन्हें स्वास्थ्य और
बच्चो की देखभाल के नियम भी बताये | पंडित जवाहर लाल नेहरु सन १९४७ से १९६४
तक भारत के प्रधानमंत्री रहे | १९६६ मे वे भारत की प्रधानमंत्री बनी | उन्होंने निर्धन और जरुरतमंद लोगो के लिए काम किया | वे भारत को एक महान राष्ट्र बनाना चाहती थी | वे द्रढ प्रतिज्ञ महिला थी | दुर्भाग्य से ३१ अक्टूबर १९८४ को उनके
जीवन का अन्त हो गया |
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का
प्रारम्भिक नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था | उनका जन्म १२ जनवरी , १८६३ ई
को कोलकाता में
एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में हुआ था | छात्र जीवन में वे पश्चिमी विचार-धारा के कट्टर समर्थक थे | भारतीय संस्कृति के अग्रदूत रामकृष्ण परमहंस के सानिध्य
में उनकी विचारधारा बदल गई , वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे की सत्य या ईश्वर को
जानने का सच्चा मार्ग अनुरागपूर्ण साधना का मार्ग ही है | अपनी इसी विचारधारा के
कारण वे रामकृष्ण के प्रिय शिष्य बन गए | १८९३ ई. वे शिकांगो में सर्वधर्म
सम्मेलन में भाग लेने गए , वहाँ अपनी ओजस्वी
वाणी से सिद्धांतो को व्यक्त करते हुए
उपस्थित सभी धर्माबिलाम्बियो को प्रभाबित किया |
उन्होंने कहा था_ हिन्दू
धर्म अति महान है क्यूंकि यह सभी धर्मो की अच्छाईयो को समान रूप
से स्वीकार करता है | उनके विचारो की उच्चता , पवित्रता और दलित वर्गो के प्रति प्रेम की भावना देखकर सभी अमेरिकन मन्त्र-मुग्ध हो गए | भारत वापस आकर उन्होने सम्पूर्ण देश के
कोने-कोने में अपने विचारो के माध्यम से शिक्षित तथा अशिक्षित गरीब तथा अमीर , ऊँच-नीच
व सभी वर्गो के लोगो को प्रभावित किया | १४ जुलाई , १९०२ ई. को स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया | विवेकानन्द ने १८९७ ई. में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी | इसके माध्यम से उन्होने धार्मिक एवं सामाजिक सुधार के आन्दोलन में महत्वपूर्ण योगदान किया |
से स्वीकार करता है | उनके विचारो की उच्चता , पवित्रता और दलित वर्गो के प्रति प्रेम की भावना देखकर सभी अमेरिकन मन्त्र-मुग्ध हो गए | भारत वापस आकर उन्होने सम्पूर्ण देश के
कोने-कोने में अपने विचारो के माध्यम से शिक्षित तथा अशिक्षित गरीब तथा अमीर , ऊँच-नीच
व सभी वर्गो के लोगो को प्रभावित किया | १४ जुलाई , १९०२ ई. को स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया | विवेकानन्द ने १८९७ ई. में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी | इसके माध्यम से उन्होने धार्मिक एवं सामाजिक सुधार के आन्दोलन में महत्वपूर्ण योगदान किया |
रामकृष्ण मिशन के
कार्य
रामकृष्ण मिशन में
मानव जाति की सराहनीय सेवा की | देश व विदेश में भारतीय संस्कृति
का प्रचार किया |
शिक्षा के प्रचार-प्रचार में योगदान किया | मानवता की सेवा , विश्व को अध्यात्मवाद
का सन्देश तथा हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा करना इस मिशन का लक्ष्य है |
रामकृष्ण मिशन के
चार सिद्धांत
रामकृष्ण मिशन के
प्रमुख सिद्धांत निम्नाकित है |
(१)
ईश्वर अजर व अमर है
|
(२)
व्यक्ति चरित्रवान
बने |
(३)
वेदान्त व उपनिषद
सच्चे ग्रन्थ है |
(४)
आत्मा ईश्वर का रूप
है |
(५)
भारतीय संस्कृति
विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है |
जेम्स
प्राचीन काल में आदमी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पैदल ,बैलगाड़ी ,घोडा व तांगा
दुआरा जाते थे | सड़के बहुत ख़राब थी | थोड़ी दूरी तक जाने मे भी घंटो लग जाते थे
|
किन्तु बर्तमान मे ऐसा नहीं है | क्या तुम दिल्ली ,कोलकाता अथवा मुंबई पैदल या
बैलगाड़ी से जाते हो नही तुम नहीं जाते | अब तो रेलगाड़िया है | लोगो को बहुत लम्बे
सफ़र तय कराती हैं | थोड़े ही घंटो मे और बड़ी तीब्र गति से चलती हैं | रेलगाड़ियां भाप
की शक्ति डीजल आयल अथवा बिजली द्वारा चलाई जाती हैं | क्या तुम जानते हो सर्व
प्रथम भाप के इंजन को किसने बनाया शायद तुम नहीं जानते | एक अंग्रेज ने सर्बप्रथम
भाप से चालित इंजन बनाया | उसका नाम जेम्स वाट था | वह १९ जनवरी १७३६ ई० मे
स्कॉटलैंड मे पैदा हुआ | उसके पिता एक बड़ई थे | जेम्स पड़ने लिखने मे अच्छा नहीं था
| उसे पुस्तके नहीं भाती थी | बल्कि उसे बड़ईगिरी और कला मे रूचि थी | उसके पिता ने
उसे दुकान के एक कोने मे लुहार की एक भट्टी तथा बैठने के लिए एक बेंच दे दिया |
वहां उसने कठोर काम किया | उसकी माता एक दयालु स्त्री थी | उसने उसके काम में
उसकी मदद की | एक बार वह रसोईघर मे बैठा मे हुआ था | वहाँ उसने अंगीठी के
ऊपर एक केतली देखी | उसमे पानी उबल रहा था और उससे भाप बाहर आ
रही थीं |
वह उसे देख रहा था | केतली का ढक्क्न बार-बार ऊपर उठता और
नीचे गिरता | वह
उत्सुकता मे पड़ गया और उसने बार-बार देखा | तब उस समय रसोईघर मे उसकी
चाची आ गई | वह उस पर बड़ी नाराज हुए और बोली तुम बड़े निक्कमे लड़के हो
तुम यहाँ क्या कर रहे हो जाओ और पढाई करो | जेम्स ने उसकी कुछ नहीं सुनी |
वह अंगीठी पर रखी केतली को ही देखता रहा | उसने एक कोयले के टुकड़े को ढक्कन
पर रखा | किन्तु जैसे ही भाप बाहर निकलती ढक्क्न ऊपर उठता और नीचे
गिरता |
उसने प्रसंता के कारण चीख लगाई आंटी देखो | भाप ढक्कन को ऊपर ठकेल
रही हैं | एक बड़ा बिचार उसके दिमाग में आया | उसने अपने मन मे कहा भाप
मे बड़ी शक्ति हैं | उसने और अधिक प्रयोग किये और अपना अधिक
समय
वर्कशॉप मे ब्यतीत किया | इस तरह उसने पहला भाप का इंजन बनाया | सबसे
पहले लोगो ने इसे कोयले की खानों से कोयला और पानी खींचने
मे प्रयोग किया |
इसने रेलगाड़ियो को नहीं खीचा | इसके पश्चात जाज्र स्टीफेन्सन ने भाप के
इंजन मे
डिब्बे जोड़ दिए और यात्रियो को ले गया | प्रारभ मे इसमे केवल दो डिब्बे थे | लोगो
ने इंजन को लोहे का घोडा कहा | आज हम दर्जनों डिब्बों वाली रेलगाडियां
रखते
हैं, वे टनो माल और सैकड़ों यात्रियो को ले जाती | हमे जेम्स वाट और जोर्ज स्टीफेन्सन
को मानब जाती की इस बड़ी सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहिए |
Monday 23 November 2015
भारतीय रिज़र्व बैंक
यह भारत का केन्द्रीय
बैंक है | यह भारत के सभी बैंको का संचालन करता है | रिजर्व बैक
भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है ।इसकी स्थापना १
अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व
बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई।
प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकता
में था जो सन १९३७ में मुंबई स्थानान्तरित कर दिया गया है । डा .रघुराम्र राजन भारतीय
रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर है | भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22
क्षेत्रीय कार्यालय है | भा-
रतीय रिज़र्व बैंक
अधिनियम, 1934 रिज़र्व बैंक के कार्यों पर नियंत्रण करता है ।
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंक और निजी क्षेत्र की तीन बैंक अर्थात आईसीआईसीआई बैंक लि-
मिटेड एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और एक्सिस बैंक लिमिटेड भारतीय रिज़र्व बैंक के एजेंट के
रुप में कार्य करते हैं ।रिजर्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है | केन्द्रीय बोर्ड के अतिरिक्त आर.बी.आई के चार स्थानीय बोर्ड भी हैं जिनके मुख्यालय मुम्बई ,कोलकाता ,चेन्नई तथा नई दिल्ली मे है | वर्तमान समय मे आर .बी.आई करेंसी नोट
जारी करने के लिए न्यूनतम निधि पद्धति अपनाता है | इस पद्धति मे आर.बी.आई के पास स्वर्ण एवं
विदेशी रण पत्र कुल मिलाकर किसी भी समय २०० करोड़ रूपऐ के मूल्य से कम नहीं होने
चाहीए जिसमे स्वर्ण का मूल्य ११५ करोड होना आवश्यक है |
प्रमुख कार्य
(१)
वित्तीय प्रणाली का
विनियमन और पर्यवेक्षण करना ।
(२)
विदेशी मुद्रा का
प्रबन्धन करना ।
(३)
मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना |
(४)
साख नियन्त्रित
करना ।
(५)
मुद्रा के लेन देन
को नियंत्रित करना |
इंटरनेट
इंटरनेट का वर्तमान
वर्तमान समय में इंटरनेट का
प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है | इसके प्रयोगकर्ताओं की संख्या में कई गुना वर्धि हो रही
है | इस विधि को ‘ट्रांसमिशन, कंट्रोल प्रोटोकॉल या इंटरनेट प्रोटोकॉल कहा जाता है | इंटरनेट
इंटरनेशनल नेटवर्क का संछिप्त नाम है इंटरनेट सेवा के कारण कोई ब्यक्ति घर बैठे देश–बिदेश की प्रत्येक घटना को देख सकता है और उनसे सम्पर्क स्थापित कर सकता है | इंटरनेट एक दूसरे से जुड़े संगणकों का एक विशाल विश्व-व्यापी
नेटवर्क या जाल है। इसमे कई संगठनो, विश्वविद्यालयो, आदि के सरकारी और निजी संगणक जुडे हुए है।आज
इंटरनेट का प्रयोग ई-मेल के अलावा , ब्लॉग , फोटो पब्लिशिंग और डेटा स्टोरेज के
लिए भी किया जा रहा है | इसके अलावा वोल्प टेलीफ़ोन सेवाओ को
स्काईपी जैसी वेबसाइटो ने एक नया आयाम प्रदान किया है | मीडिया के सभी रूपों को
(फोटो , वीडियो तथा टेक्स्ट ) इंटरनेट
चैटिंग अब आम बात हो गयी है |आज परम्परागत वीडियो जैसे की न्यूज़पेपर , रेडियो ,
टेलीफ़ोन और फिल्मो को इंटरनेट पर प्रयोग किया जा रहा है | भारत में इंटरनेट का प्रवेश बर्ष १९८७ -८८ में हुआ था | ई –मेल
के माध्यम से आप अपने कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर उपयोगकर्ताओ को संदेश भेज सकते
है | इसके अलावा ई–मेल
तब भी भेजा जा सकता है, जब प्राप्तकर्ता उस कंप्यूटर या पते पर मौजूद नहीं हो | ई–मेल भेजने के लिए
आपको सही कम्यूनिकेशन्स सॉफ्टवेयर व माडेम की भी जरूरत होती है |
Saturday 21 November 2015
स्वामी दयानंद
स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म १८२४ ई. गुजरात राज्य में
टंकारा नामक एक छोटे से नगर में एक रूढ़िवादी ब्राहमण के घर में हुआ था | उनके बचपन का नाम
मूलशंकर था | अल्पायु में ही मूर्तिपूजा में उनका विश्वास नही रहा | १८४५
ई. में वे विवाह होने से पहले ही अपना घर छोडकर
चले गए थे और १८६१ ई. तक वे एक ब्रहाचारी साधु के रूप में भारत के बिभिन्न स्थानों
का भ्रमण करते रहे |१८६१ ई. में उन्होंने मथुरा के स्वामी विरजानन्द को अपना गुरु
बनाया वही पर उन्होंने वेदों का अद्ययन
किया | अपने गुरु से दीक्षा लेकर उन्होंने हिन्दू धर्म सभ्यता भाषा के प्रचार का
कार्य आरम्भ किया और सर्बप्रथम मुम्बई में १८७५ ई. आर्य समाज की स्थापना की | तत्पश्चात वे भारत
के बिभिन्न स्थानों पर घूम -घूम कर अपने विचारो का प्रचार करते रहे |आर्य समाज का
मुख्य उद्देश्य भारत में हिन्दू धर्म एवं समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं बुराईयो
को समाप्त करना और वैदिक धर्म की पुनस्थापना करना था |
आर्य समाज के सिद्धांत
आर्य समाज के दस सिद्धांत निम्नाकित है |
(१)
वेद ही
सत्य-ज्ञान के स्त्रोत है , अतः वेदों का अध्यन आवश्यक है |
(२)
वेदों के अधार पर
मन्त्र-पाठ और हवन करना |
(३)
मूर्ति-पूजा का
खंडन |
(४)
तीर्थ यात्रा और
अवतारवाद का विरोध |
(५)
कर्म और
पुनर्जन्म अथवा जीवन के आवागमन के सिद्धांत में विश्वास |
दयानंद सरस्वती अथवा आर्य समाज के कार्य
उपयुक्त सिधांतो के आधार पर आर्य समाज ने हिन्दू धर्म और
समाज के सुधार हेतु निम्नांकित महत्वपूर्ण कार्य किए |
(1) धार्मिक सुधार कार्य_ धार्मिक क्षेत्र में आर्य समाज ने मूर्ति-पूजा , कर्मकांड
, बलि प्रथा ,स्वर्ग और नरक की कल्पना तथा भाग्य में विश्वास का विरोध किया | उसने
वेदों की क्षेष्टता का दावा किया और उसी आधार पर मन्त्र पाठ , हवन , यज्ञ , कर्म ,
आदि पर बल दिया |
(2) सामाजिक सुधार कार्य
स्वामी दयानन्द सरस्वती ने समाजिक क्षेत्र में सराहनीय
सुधार किए | उन्होंने बाल-विवाह , बहु-विवाह पर्दा-प्रथा सती प्रथा , जाति प्रथा ,
छुआछूत , अशिक्षा , आदि समाजिक बुराईयों का विरोध किया तथा स्त्री शिक्षा ,
अंतरजातीय विवाह एवं विधवा विवाह का समर्थन किया |
(3)
साहित्यिक एवं शैक्षणिक सुधार कार्य
आर्य समाज ने साहित्यिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र में भी काफी
महत्वपूर्ण कार्य किए | उन्होंने हिन्दी भाषा में पुस्तके लिखकर हिंदी भाषा को
सम्रध बनाया | वे नारी शिक्षा के भी प्रबल समर्थक थे | उन्होंने संस्कृत भाषा के
महत्व को पुनः स्थापित करने का प्रयास भी किया |
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