चावल
चावल एक मानसूनी जलवायु का पौधा है | इसके उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है | विश्व के उत्पादन का ३०
प्रतिशत चावल भारत में पैदा किया जाता है | चावल
की कटाई अक्टूबर-नवंबर
में
की जाती है। चावल एक उष्ण कटिबन्धीय फ़सल है एवं भारत की मानसूनी जलवायु में इसकी
कृषि की जाती है।
मौसम
बुआई और रोपण के लिए दो मौसम होते हैं:- रबी और ख़रीफ़
मौसम। चावल एक ख़रीफ़ फ़सल है।
चावल की खेती
चावल की खेती के लिए २० ०C का औसत तापमान तथा १०० से २०० सेमी की
सुनिश्चित बर्षा आवश्यक होती है | जहाँ
बर्षा कम होती है वहाँ सिंचाई करके भी चावल पैदा करने का प्रयत्न किया जाता है | जैसे पंजाब तथा हरियाणा | चिकनी तथा मटियार मिटटी ,जिसमे पानी रुक सके चावल की उपज के लिए उपयुक्त होती है | उत्पादन बढाने के लिए हरी खाद गोबर की
खाद तथा रासायनिक खाद की भी आवश्यकता पड़ती है | चावल की रोपाई तथा निराई आदि के लिए
सस्ते तथा अधिक मजदूरों कीभी आवश्यकता पड़ती है | विभिन्न राज्यों में पैदा की जाने वाली चावल की कुछ विशेष किस्में इस प्रकार हैं मेतासनालू (आन्ध्र प्रदेश), करुवाई, कालाजीरा (पश्चिम बंगाल), जरीसाल (गुजरात), बासमती (उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड),आदि।
देश में चावल की तीन फ़सलें
देश में चावल की तीन फ़सलें 'अमन (शीतकालीन), औस
(शरदकालीन) तथा बोरो (या ग्रीष्मकालीन)' पैदा की जाती हैं। मैदानी भागो
में चावल के खेतो में पानी रोकने के लिए मेडबंदी की जाती है तथा पहाड़ो पर सीढ़ीदार
खेतों में भी पानी रोका जाता है | भारत
में पश्चिम बंगाल सबसे अधिक चावल उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश ,तमिलनाडु
,उड़ीसा आन्ध्र प्रदेश ,मध्य प्रदेश तथा असम है उत्तर प्रदेश के
पहाड़ी क्षेत्रों ,पंजाब तथा
हिमाचल प्रदेशों में भी चावल पैदा किया जाता है |
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