Saturday 8 August 2015

जूट

जूट
जूट एक  द्विबीजपत्री रेशेदार पौधा है। इसका तना पतला और बेलनाकार होता है। जूट के रेशे से बोरे, हेसियन तथा पैंकिंग के कपड़े बनते हैं। कालीन, दरियाँ, परदे, घरों की सजावट के सामान, अस्तर और रस्सियाँ भी बनती हैं।  जूट के लिए उष्ण-आद्र जलवायु अधिक उपयुक्त है | तापमान लगभग २३ ० C होना चाहिए इसके लिए २०० सेमी से २५० सेमी बर्षो की आवश्यकता होती है | जूट उगाने के लिए सस्ता और प्रचुर श्रम अपेक्षित है क्यूंकि जूट की बुबाई से इसका रेशा प्राप्त करने तक की प्रक्रिया में पर्याप्त श्रम की आवश्यकता पड़ती है | संसार में भारत का स्थान जूट उत्पादन में दूसरा है | भारत में जूट के उत्पादक राज्य पश्चिमी बंगाल ,विहार तथा असम है | कुछ जूट उत्तर प्रदेश के तराई तथा उड़ीसा के तटीय भागो में भी पैदा किया जाता है |
जूट की खेती
 जूट की खेती गरम और नम जलवायु में होती है। हल्की बलुई, डेल्टा की दुमट मिट्टी में खेती अच्छी होती है। पौधे के तीन से लेकर नौ इंच तक बड़े होने पर पहले गोड़ाई की जाती है। जून से लेकर अक्टूबर तक फसलें काटी जाती हैं।







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