Saturday 1 August 2015

राज-चिह

भारत का राज-चिह मौर्य सम्राट अशोक द्वारा सारनाथ में स्थापित ;सिंह स्तम्भ ; से लिया गया है | भारत सरकार द्वारा यह चिह २६ जनबरी ,१९५० को अपनाया गया |इस राज चिह के मूल स्तम्भ में शीश्र पर चार सिंह है, जो एक दूसरे के बिपरीत दिशा में पीठ किये हुए है जिससे चार में से केवल तीन सिंह ही दिखाई पड़ते हैं |इनके नीचे घंटे के आकार के पदम् के ऊपर एक चित्रवल्लरी के एक हाथी है |सिंह शीर्ष के नीचे स्थित पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है,जिसके दाई ओर एक सांड और बाई ओर चौकड़ी भरता हुआ एक घोडा है तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्ति है, जिसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं | आधार के पदम को खाली छोड़ दिया गया हैं | फलक के नीचे मुणडकोपनीषद से उद्धत सूत्र ,सत्यमेव जयते , लिखा गया है,जिसकी लिपि देवनागरी है | इसका अर्थ है कि ;सत्य की ही विजय होती है; |

No comments:

Post a Comment