इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी | वह पंडित जवाहर लाल नेहरू और कमला की इकलौती संतान थी| १९ नवम्बर 1917 को इलाहाबाद में पैदा हुआ थी, पहली महिला थी, पंडित मोतीलाल नेहरू उनके दादा थे| और स्वरूप रानी उनकी दादी थी | इंदिरा प्रियदर्शिनी थी,इसलिए उनके माता और पिता दादा दादी उनको इन्द्रा प्रियदर्शिनी कह कर बुलाते थे नेहरूजी बहुत अमीर थे| इसका नाम आनंद भवन लिटिल इंदिरा था| वह एक बड़े घर में रहते थे,उनके पास कई गुड़िया थी उनमें से कुछ विदेशी भी थी | इसका नाम आनंद भवन था | उनके पास कई गुड़िया थी उनमें से कुछ विदेशी भी थी वह उन्हे प्यार करती थी| वह उनको दुल्हन और दूल्हे या राजा या रानी के कपड़े पहनने को देती थी और सत्याग्रह और सिपाही की|इंद्ररा 1947 से पहले स्वतंत्र नहीं थी , उसके पिता और दादा महान स्वतंत्रता सेनानी थे वे अमीर थे उन्होने साधारण जीवन का नेतृत्व किया,वे बिदेशी कपडो को नहीं पहनती थी और केवल खददर पहनती थी,एक बार इंदिरा को पेरिस से एक सुन्दर पोशाक मिली थी,उसकी माँ की दोस्त ने उसे प्रस्तुत किया था, इंदिरा ने वह ड्रेस लेने से इनकार कर दिया, उसने कहा ,” हम केवल खददर ही पहनते है/ हम केवल भारतीय सामान का उपयोग करते है मैं इस विदेशी ड्रेस को स्वीकार नहीं कर सकती " उसकी चाची बहुत गुस्से में थी वह यह विदेशी नहीं है? उसके हाथ में गुड़िया की ओर इशारा किया कि आप तो उस गुड़िया के साथ खेल रहे हैं ने कहा, " क्या यह विदेशी नहीं है,” छोटी इंदिरा को बहुत दुःख हुआ | कई दिनों तक वह सोचती रही तथा एक दिन आखो में आँसू भर कर उसने गुडीया को तथा अन्य बिदेशी गुड़ियो में आग लगा दी चार बर्ष की उम्र में इंदिरा साबरमती मे गांधीजी के आश्रम गई| आनंद भवन में वे एक राजकुमारी के समान रहती थी किन्तु साबरमती में वे जमींन पर सोई और साध|रर्ण भोजन खाया | इंदिरा एक साधारण बच्ची नहीं थी बारह बर्ष की उम्र मे उन्होंने बच्चो का एक सेन्या दल बानर सेना के नाम से बनाया |इस दल के बच्चे जासूसो के समान कार्य करते थे वे स्वतंत्रता सेनानियो के लिए भोजन बनाते थे वे सत्यागृहियो को पानी देते थे वे दिवारो पर पोस्टर चिपकाते थे इंदिरा खद्दर का कुरता तथा गाँधी टोपी पहनती थी और हाथ मे तिरंगा लेकर चलती थी वह एक बच्ची थी किन्तु उनके अन्दर एक नेता के सभी गुण थे |सोलह बर्ष की आयु मे वे रवीन्द्र नाथ टेगोर के शांति निकेतन बिधालय मे भारती हो गए |वे वह खद्दर की साडी पहन गई |वे नंगे पैर गई |वे अपना सूटकेस और बिस्तर स्वयं लेकर गई वे अपनी रीडिंग मे नियमित थी |वे अपना कार्य समय पर करती थी उन्होंने संगीत ,चित्रकला व डांस भी सीखा और उसमे अच्छी रही | बाद में वे हाई शिशा के लिए इंग्लैंड चली गयी |कुछ समय बाद वे वह से बापिस आई और स्वतंत्रता संग्राम मे भाग लिया |वे जेल भी गई |वे वहां भी निसक्रीय नहीं बैठी| उन्होंने और अन्य ब्यक्तियो ने अपनी सब्जी और फूल स्वंय उगाए|उन्होंने जेल मे अशिछित महिलाओ को टीच किया |उन्होंने उन्हें लिखना तथा परना सिखाया |उन्हें स्वास्थ्य और बच्चो की देखभाल के नियम भी बताये | पंडित जवाहर लाल नेहरु सन १९४७ से १९६४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे | इंदिरा अपने पिता की सहायता करती | वह नियमित उनकी सहयोगी रही |१९६६ मे वे भारत की प्रधानमंत्री बनी |उन्होंने निर्धन और जरुरत मंद लोगो के लिए काम किया| वे भारत को एक महान रास्त्र बनाना चाहती थी |उन्होंने कमजोरो की सहायता की किन्तु दुष्टो को दंड दिया | वे द्रण प्रतिज्ञ महिला थी | दुर्भाग्य से ३१ अक्टूबर १९८४ को उनके जीवन का अन्त हो गया |वे भारत के ह्रदय में सदा बनी रहेंगी |
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