Monday 23 May 2016

भारत-पाकिस्तान सीमा पर लेजर प्रणाली द्वारा निगरानी शुरू


नई दिल्ली- पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ का  पता लगाने वाली आठ लेजर प्रणाली ने काम करना शुरू कर दिया है | कुछ दिनों में चार और प्रणाली पूरी तरह काम करने लगेंगी | इसके साथ साथ पाक और बांग्लादेश से संवेदनशील क्षेत्रों तक लगी सीमा में  हाईटेक  निगरानी की जाएगी | इसके लिए  केंद्र सरकार ने पांच पायलट प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी है | इसके दायरे में जम्मू -कश्मीर गुजरात ,पंजाब और पश्चिम बंगाल की सीमा है | पाकिस्तान की अन्तराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास ऐसी कुछ संवेदनशील जगहे है जहाँ आतंकी घुसपैठ होती है | दरअसल इन इलाकों में नदियों के रास्ते  में होने वाली गुसपैठ एक बड़ी समस्या है | यहाँ तारो की बंदी करना भी मुश्किल है | `पायलट प्रोजेक्ट के द्वारा  इसका  उपाय निकला गया है | और इसके लिए १२ लेजर उपकरण है |बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया की लेजर दीवार ने काम करना शुरू कर दिया है | इसके नतीजे काफी उत्साहजनक है | पंजाब में घुसपैठ की पहचान के लिए ४५ अतिरिक्त लेजर प्रणाली तैयार की जा रही है | इन प्रणालियों को सीमावर्ती इलाकों `में `स्थापित किया जाएगा | घुसपैठ की  द्रष्टि से इन चार राज्यों में संवेदनशील नदियों के लगभग ४० किलोमीटर लम्बे क्षेत्र में सुरक्षा के पांच नये पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किये जायेगे | सीमा बल को मजबूत करने के लिए गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट दो महीने में केंद्र सरकार को मिल जाएँगी | इस रिपोर्ट के आधार पर उन इलाकों की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्यवाई की जाएगी | जहाँ बाड नही लगी है | एक विस्तृत नीति बनाए जाने के तहत उसमे सिविल इंजिनीरिंग तथा तकनीकी समाधानों को शामिल किया जाएगा | गृह राज्य मंत्री करें रिजीजू ने कहा है कि आतंकियों द्वारा पठानकोट हमले के लिए इस्तेमाल किये गए रुट के बारे में एनआईए अब भी जाँच कर रही है |चुक को समाप्त करने के लिए सीमा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है | पंजाब के गुरदासपुर में बटालियन तैनात की गई है जम्मू कश्मीर की जम्मू सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में दो मार्गो की पहचान की गई है | छह किलोमीटर वाले तथा जहाँ नदियाँ व नाले है वो आतंकियों के लिए घुसपैठ के सबसे आसन रास्ते है इन इलाकों को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है |

No comments:

Post a Comment