संयुक्त राष्ट्र- भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर १७० से ज्यादा देशों के साथ हस्ताक्षर किए | इसके तहत ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर विकसित और विकासशील देश मिलकर काम शुरू करेंगे | इसके साथ ही एक दिन में अंतराष्ट्रीय समझौते पर १७५ देशों ने एक साथ हस्ताक्षर करके नया रिकार्ड बनाया | संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में यूएन महासचिव बान की-मून की ओर से आयोजित उच्च स्तरीय समारोह में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए | इस समारोहों में कई दिग्गजों और कलाकारों ने शिरकत की है | इस बीच महासचिव ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना है | उन्होंने कहा कि हम बेहतर भविष्य के नए समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे है | और इस मुद्दे को लेकर वे कठिन दौर से गुजर रहे है | इस समारोह की शुरुआत संगीत के साथ हुई | तथा जावड़ेकर ने कहा कि इस समझौते से विकसित और विकासशील देशो की परीक्षा होगी | इससे गरीबी उन्मूलन पर देशो की गंभीरता गैस उत्सर्जन में कटौती की परख होगी | वही ग्रीन पिस ने भारत से इस मामले में राजनीतिक समर्थन माँगा है |
Tuesday 10 May 2016
भारत ने १७५ देशो के साथ जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर किए
संयुक्त राष्ट्र- भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर १७० से ज्यादा देशों के साथ हस्ताक्षर किए | इसके तहत ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर विकसित और विकासशील देश मिलकर काम शुरू करेंगे | इसके साथ ही एक दिन में अंतराष्ट्रीय समझौते पर १७५ देशों ने एक साथ हस्ताक्षर करके नया रिकार्ड बनाया | संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में यूएन महासचिव बान की-मून की ओर से आयोजित उच्च स्तरीय समारोह में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए | इस समारोहों में कई दिग्गजों और कलाकारों ने शिरकत की है | इस बीच महासचिव ने कहा कि यह ऐतिहासिक घटना है | उन्होंने कहा कि हम बेहतर भविष्य के नए समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे है | और इस मुद्दे को लेकर वे कठिन दौर से गुजर रहे है | इस समारोह की शुरुआत संगीत के साथ हुई | तथा जावड़ेकर ने कहा कि इस समझौते से विकसित और विकासशील देशो की परीक्षा होगी | इससे गरीबी उन्मूलन पर देशो की गंभीरता गैस उत्सर्जन में कटौती की परख होगी | वही ग्रीन पिस ने भारत से इस मामले में राजनीतिक समर्थन माँगा है |
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