Thursday 19 November 2015

वस्त्र


वस्त्रो का मानव-जीवन में अत्यधिक महत्व है | यदि वस्त्रो का नमूना रंग तथा बुनाई आदि पहनने वाले की आयु ,लिंग ,व्यवसाय तथा ऋतु के अनुकूल है | तो उसका मन प्रसन्न रहता है और उसे सुख का अनुभव होता है | उपयुक्त व सुन्दर वस्त्रो से मनुष्य का व्यक्तित्व भीआकर्षक हो जाता है | और उसके आत्म-विश्वास में व्रधि होती है भद्दे व अनुपयुक्त नाप से सिले वस्त्रो से आराम नही मिलता है | कहते है की व्यक्ति की पोशाक से उसकी सुरुचि प्रकट होती है|

वस्त्रो के पहनने के सामान्य नियम
(१)                            वस्त्रो को शरीर पर फिटिंग ठीक होना चाहिये | ठीक फिटिंग वाले वस्त्र देखने में अच्छे लगते है और आरामदायक होते है | यदि वस्त्र तंग है तो उठने-बैठने , खेलने ,दौड़ने ,झुकने में कठिनाई के अतिरिक्त बालको के शरीर के विकास में भी बाधा आती है | और यदि वस्त्र अधिक ढीले है तो भद्दे  लगते है |
(२)                            वस्त्र न तो बहुत ही पुरानी फैशन के हो और न ही सिनेमा के सितारों की फैशन के अनुरूप हो | इन दोनों के बीच का ढंग  अपनाने में ही सुख मिलता है | लोगो की निगाहें और कटाक्षो से भी इस प्रकार बचाव रहता है |

उचित वेशभूषा हेतु उपयुक्त वस्त्र-चयन
ग्रहणी को निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना आवश्यक है |

 (१) कपड़ा ऋतु और स्थानीय गर्मी-सर्दी के अनुकूल हो
कपड़ा ऐसा हो जो शरीर को ग्रीष्मकाल में बाहर की गर्मी तथा शीतकाल में बाहर की सर्दी से बचा सके | अतः ग्रीष्म ऋतु में सूती और शीत ऋतु में ऊनी कपडा उपयुक्त रहता है | रेशमी व मानव-निर्मित तन्तुओ से बने कपडे ,जैसे नायलॉन , गर्मी के दिनों में कष्टदायक प्रतीत होते है | ढीली बुनाई का सूती छिद्रदार कपडा इस प्रयोजन हेतु उपयुक्त रहता है |गर्मी के दिनों में हल्के रंग का वस्त्र आरामदायक लगते है और शीतकाल में गहरे रंगों के |

(२) व्यक्ति व वस्त्र विशेष के लिए कपडे का प्रकार ,रंग , और छपाई का उपयुक्त नमूना चुनना

पुरुषो  ,स्त्रियो  मे व बालको के वस्त्रों के रंगों , ड़िजाइनो तथा बुनाई में भिन्नता होती है | कपड़े का रेशा , रंग , बनावट तथा डिज़ाइन पहनने वाले व्यक्तियों की आयु , लिंग एवं व्यवसाय तथा व्यक्तिगत रूचि की द्रष्टि से उपयुक्त होना चाहिये | ख़ुशी के अवसर पर चटकीले तथा चमकदार वस्त्र उपयुक्त लगते है | कपडे के प्रकार पर भी ध्यान  देना आवश्यक है | पाजामे व कोट के कपडे में , साडी व ब्लाउज के कपडे में , फ्रॉक व जांघिऐ  के कपडे में अन्तर होता है |

 (3)   पुरुषो के वस्त्र
वस्त्रो का फिटिंग ठीक-ठीक होने से वे आरामदायक होते है | और देखने में भी भले लगते है | पुरुषो के सूटो के लिए आजकल एक से एक बढ़िया कपडा मिलता है , परन्तु उसके दाम अधिक होते है | सूती , रेयान , टेरीन , टेरीकाट सभी कपड़े पुरुषो के वस्त्रो में प्रयोग किये जाते है|

(4)    स्त्रियों के लिए
स्त्रियों के वस्त्रो में साडी का प्रथम स्थान है तथा उसके बाद ब्लाउज या चोली का | साड़ी कैसे अवसरों पर पहनने के लिए चाहिये यह पहले निश्चित करना आवश्यक है | दिन-प्रतिदिन घर पर पहनने के लिए उसमे टिकाऊपन और धुलाई में सुबिधा के गुणों की अपेक्षा करनी चाहिये साथ ही वह आकर्षक भी हो | चटकीले रंग छोटी आयु की महिलाओ को ही सुहाते है |






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