Saturday 21 November 2015

हिंदू मंदिर


 मंदिर का अर्थ होता हैं मन से दूर कोई स्थान। मंदिर को हम द्वार भी कहते हैं। जैसे रामद्वारा गुरुद्वारा आदि। मंदिर को आलय भी कह सकते हैं ‍जैसे ‍की शिवालय, जिनालय। जहाँ देवताओं की पूजा होती है उसे 'देवरा' या 'देव-स्थल' कहा जाता है। जहाँ पूजा होती है उसे पूजास्थल, जहाँ प्रार्थना होती है उसे प्रार्थनालय कहते हैं। वेद मानते हैं कि भगवान प्रार्थना से प्रसन्न होते हैं पूजा से नहीं राजपूत काल की विशिष्टता विशाल संख्या में राजपूत शासकों द्वारा बनवाए गए मन्दिर है , जो कि भारत के बिभ्निन भागो में बिस्तृत है | राजपूत काल में बने प्रमुख मन्दिरों में से एक खजुराहो का मन्दिर समूह है |  झाँसी के समीप स्थित खजुराहो के मन्दिरों का निर्माण चंदेल शासको के समय में हुआ था | यहाँ पर लगभग ३० मन्दिर है,जो कला की द्र्स्टी से उत्कर्ष कोटि के है | खजुराहो मन्दिर समूह में शिवजी का मन्दिर सर्वप्रमुख है,जिसकी ऊंचाई लगभग ११६ फुट है |

पूजा करने का स्थान
भगवान जैसे राम , क्रष्ण और शिव मुख्य भगवान है | दुर्गा और लक्ष्मी मुख्य भगवान है | रामायण और भागवत गीता हिन्दुओ की पवित्र ग्रन्थ है | क्रिश्चयन चर्च जाते है | और जीजस क्राइस्ट की प्रार्थना करते है | और उनका  पवित्र ग्रन्थ बाइबिल है | मुस्लिम मज्जिदो में पूजा करते है | वे एक दिन में चार बा नुमाज अदा करते है | उनका  पवित्र ग्रन्थ कुरान और  गुरु ग्रन्थ साहिब है | वे गुरुवाणी हिम्नस गाते है | और जैन लार्ड महाविरा की पूजा करते है | बुद्ध लार्ड बुद्ध की पूजा करते है | पारसी लोग पारसी पूजा करते है | हम सब भगवान की पूजा बिभिन्न स्थानों पर भिन्न प्रकार से करते है | लेकिन हम सब एक ही भगवान को पूजते है | हमे सभी धर्मो को आदर देना चाहिए |


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