Thursday 19 November 2015

घर


जिसमें एक व्यक्ति या एक परिवार के आराम और निजी संपत्ति का भंडारण कर सकते हैं ।आधुनिकतम घरों में स्वच्छता सुविधाओं के संग ही खाना बनाने की व्यवस्था भी होती है । पशु व जानवर भी अपने अपने घरों में निवास करते हैं, चाहे जंगली हों या पालतू पशु। एक भौतिक स्थान के रूप में 'घर' की परिभाषा वह मकान होती है, जहां शरण या आराम की मानसिक या भावनात्मक तृप्ति प्राप्त हो |

अजीब घर
सैकड़ो बर्ष पहले, मनुष्य गुफाओं में रहा करते  थे। उन्होंने गुफाओं मे से  जंगली जानवरों को निकालदिया और उनमें  घर बना  लिए | ये मनुष्य लगभग जानवरों जैसे ही थे | अब मनुष्य लकड़ी, ईंट, पत्थर और ऐसे ही अन्य बस्तुओ द्वारा निर्मित  सुंदर घरों में रहते  है। लेकिन अब भी, कुछ लोग रहने के  लिए अजीब मकान बनाते हैं। चीन में, कुछ मछुआरे  तैरते हुए घरो मे रहते है वे इन घरो को नावों पर बनाते है | एक हाउसबोट लगभग चार मीटर लंबी होती है ,कभी -कभी एक हाउसबोट मे दो-दो  परिवार  रहते हैं इन लोगो के घर  भूमि पर नहीं होते है |अमेरिका के लाल भारतीयों टेंट में रहते हैं। वे अपने तम्बू बनाने के लिए खालो का प्रयोग करते है डंडों के ऊपर खाल फैला दी जाती है रैड इनडीयन्स के कोई निश्चित घर नहीं होते वे जहां कही चाहते है अपने तम्बू गाड लेते है  दूर उत्तर के कुछ लोग बर्फ से बने मकानों मे रहते है वहां बड़ी ठण्ड होती है | इतनी ठण्ड होती है कि बर्फ की दीवारे गलती नहीं है | लोग कुटी मे सारे समय उनको गर्म रखने के लिए दीपक जलाते है | जापान मे भूकंप बहुत साधारण बात है | वे प्राय घरो को नष्ट कर देते है | इसलिए जापानी बहुत हलके सामान से अपने मकान बनाते है | वह मकान की बाहरी दीवार बनाने के लिए हल्की लकड़ी काम मे लाते है और अन्दर की दीवार कागज से बनाते है |ऐसे स्थानों मे जहां चीते रहते है लोग कुटियाऐ जमीन  के ऊपर उठी हुई बनाते है | वे अपने मकानों मे चढ़ने के लिए सीडीयो का प्रयोग करते है | प्रशान्त महासागर मे कुछ दीपों मे ,लोग अपने घर किसी पेड़ के जोड़ पर ऊँचे स्थान पर बनाते है | यहाँ भी लोग अपने घरो मे सीडी की सहायता से चढ़ते है | लोग बड़े कठोर है तथा एकदूसरे से सदा लड़ते रहते है | वे भूमि पर रहना असुरक्षित देखते है | वे पत्थरो का बड़ा ढेर ,पेड़ पर , अपने घरो मे रखते हैं | वे इन पत्थरो को अपने शत्रुओ पर  अपनी रक्षा के लिए फेकते हैं |


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