कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के खाताधारकों के लिए खुशखबरी है। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड
ऑफ ट्रस्टीज ने २१२वीं बैठक कर खाताधारकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब देश के बंद पड़े हुए खाताधारको के खाते में ब्याज भी डाला जायेगा | जिन लोगो को अक्सर नौकरी बदलनी पड़ती है इससे उन कर्मचारियों को काफी फायदा होगा |
दायरा तय किया
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने कल अपनी २१२ वीं बैठक बुलाई । अब इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए-२ के फैसले को केंद्र सरकार ने बदल दिया है। २१२ वीं मीटिंग के बाद (बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज) के श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि सरकार ने फैसला किया है कि जो पीएफ खाते बंद पड़े हैं, उन पर भी ब्याज दिया जाएगा।वर्तमान में २०१५-१६ के इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक कुल १५ करोड़ पीएफ खाते देश भर में हैं। जिनमें से करीब ९ करोड़ से अधिक खाते निष्क्रिय पड़े हैं। सबसे खास बात यह है की निष्क्रिय पड़े पीएफ खातो पर एक अप्रैल से ब्याज दिया जाएगा | इसके लिए सरकार ने दायरा भी किया है | जिनमे पिछले ३६ महीनों यानी तीन सालो से कर्मचारी और कंपनी ने कोई रकम नहीं डाली उन्हें ब्याज पूरा मिलेगा |
नियम को बदला जाना
बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि जो कर्मचारी लगातार नौकरियां बदलते रहते है उन्हें इसका ज्यादा लाभ होगा। सरकार के इस फैसले से इन खातों में ४४ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जमा की जाएगी। इतना ही नहीं ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) अपने खाताधारकों को तीन साल के लिए बीमा देने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।हालांकि अभी ईएफओ ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। यहाँ बताते चले कि सेट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने यूपीए-२ के कार्यकाल के नियमों को बदला है। यूपीए-2 में साल २०११ के बंद पड़े खातों पर ब्याज न देने का नियम लागू हुआ था। जिससे बड़े स्तर पर खाताधारकों को झटका भी पहुंचा था।
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