Tuesday 29 March 2016

हेडली के 10 खुलासे

मुंबई की एक अदालत में गवाही के तीसरे दिन आतंकवादी डेविड हेडली के कई बड़े-बड़े राजो पर से पर्दा उठाया है | यहाँ उसने खुद से जुडा सबसे बड़ा सच यह बताया कि वो अपने बचपन से ही भारत से नफरत करता आ रहा है।अपनी गवाही में हेडली ने कहा कि वह लश्कर ए तैय्यबा का सच्चा समर्थक है। लश्कर का साजिद मीर उसका हैंडलर था। साजिद मीर चाहता था कि वह भारत में कोई कारोबार स्थापित करे। साजिद ई-मेल के जरिए उसके साथ संपर्क में था।जब उसने अपना नाम बदला तो इसकी जानकारी उसने साजिद मीर को दी थी। आइये हेडली के तीसरे दिन की गवाही के बाद के कौन से खुलासे सामने आए |

 १. हेडली ने बताया कि वह 7 दिसंबर, 1971 से भारत से नफरत करता चला आ रहा है। यह वह समय था जब ये वो समय था जब भारतीय विमानों ने उसके स्‍कूल के ऊपर बमबारी की थी। उस बमबारी में पूरा स्‍कूल तहस-नहस हो गया और वहां काम करने वाले सभी लोग मारे गए। 
 
२. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी उसके पिता के दोस्‍त थे और 2011 में उनकी मौत के बाद भी आते-जाते थे। 

3 . हेडली ने बताया कि उसके पिता, पाकिस्तान रेडियो के एक पूर्व महानिदेशक थे और वे इस बात को जानते थे | कि वह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का ऑपरेटिव है, लेकिन वह इस बात को स्वीकार नहीं करते थे। 

४. हेडली ने बताया कि उसने शिवसेना के फंड को इकट्ठा करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन यूएस में करवाया था | इस कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी के संस्थापक कुलपति बाल ठाकरे को भी आमंत्रित किया था | लेकिन इस कार्यक्रम में उन्होंने उनको मरने का कोई प्लान नही बनाया था |


५. 26/11 से पहले हेडली को लश्‍कर के संचालक साजिद मीर की ओर से एक मैसेज मिला। जिस पर लिखा था कि 'the game is afoot'। इसका मतलब था कि खेल अभी चल रहा है। 

६. 26/11 अटैक से पहले हेडली भारत के न्‍यूक्‍लियर प्‍लांट जरूर आया था, लेकिन मुंबई हमलों से संबंधित निगरानी का संचालन करने के लिए नहीं बल्‍कि ये देखने के लिए कि क्‍या वह लश्‍कर के लिए न्‍यूक्‍लियर प्‍लांट से किसी को अप्‍वाइंट कर सकता है।  

7 . हेडली ने बताया कि तहव्‍वुर राणा ने 26/11 अटैक से पहले उसके लिए एक फेक ई-मेल आईडी बनबाई थी। इस ई-मेल आईडी के द्वारा वे आपस में बातचीत कर सकते थे। इसकी कोई रिकॉर्डिंग ही नहीं बनी, क्‍योंकि ये फॉरेन लैंग्‍वेज में था। इस वजह से ज्‍यूरी और उसको, दोनों को एक इंग्‍लिश ट्रांसक्रिप्‍टर दिया गया |
जिसस वह उसका अनुवाद कर सके | 
  
 8 . वह अपने जेल के स्थान, जहां वह कैद है, उसका खुलासा नहीं कर सकता। न ही तो वह उन सुविधाओं के बारे में बता सकता है जो उसको जेल के अंदर मिलती थीं। 

9.  इसके बावजूद ये सच है कि यूएस की जेल में वह एक शानदार और आरामदायक जिंदगी जी रहा है।

10.  उसने यूएस में तहव्‍वुर राणा के खिलाफ कभी इशरतजहां का नाम नहीं लिया। न ही कभी उसके बारे में पूछा | न ही वह उसके बारे में कुछ जानता था | वह सिर्फ वही करता जा रहा था, जो उसको करने को कहा गया । 

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